इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम – ट्रेन यात्रा के लिए जरूरी गाइड

इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम – ट्रेन यात्रा के लिए जरूरी गाइड

इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम हर यात्री के लिए जानना बहुत जरूरी है। जब आप ट्रेन से सफर करते हैं, तो टिकट बुकिंग और यात्रा के दौरान आईडी प्रूफ दिखाना अनिवार्य होता है। भारतीय रेल ने यात्रियों की सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने के लिए यह नियम लागू किए हैं। अगर आप इन नियमों को सही तरह से समझते हैं, तो आपकी यात्रा न सिर्फ आसान होगी बल्कि बिना किसी परेशानी के पूरी भी होगी।

इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम क्यों जरूरी हैं?

रेलवे में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। ऐसे में फर्जी बुकिंग और गलत पहचान से कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि यात्रा करने वाला व्यक्ति वही है जिसने टिकट खरीदा है। इससे न केवल सुरक्षा बढ़ती है बल्कि टिकट की ब्लैक मार्केटिंग पर भी रोक लगती है।

मान्य आईडी प्रूफ की सूची

भारतीय रेलवे ने कई पहचान पत्रों को वैध माना है। ट्रेन यात्रा के दौरान निम्नलिखित दस्तावेज़ को आप आईडी प्रूफ के रूप में दिखा सकते हैं:

  1. आधार कार्ड
  2. वोटर आईडी
  3. पैन कार्ड
  4. ड्राइविंग लाइसेंस
  5. पासपोर्ट
  6. सरकारी विभागों द्वारा जारी आईडी कार्ड
  7. बैंक पासबुक जिसमें फोटो लगा हो (राष्ट्रीयकृत बैंक का)
  8. छात्र पहचान पत्र (मान्यता प्राप्त संस्थानों से जारी)
  9. पेंशन बुक या स्मार्ट कार्ड
  10. इलेक्ट्रॉनिक रिज़र्वेशन स्लिप (e-ticket) के साथ डिजिटल आधार या m-Aadhaar

इनमें से कोई भी दस्तावेज़ आपको सफर के दौरान अपने साथ रखना जरूरी है।

ई-टिकट और इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम

अगर आपने ई-टिकट IRCTC वेबसाइट या ऐप से बुक किया है, तो आपको यात्रा करते समय मूल आईडी प्रूफ दिखाना अनिवार्य है। सिर्फ स्क्रीनशॉट या प्रिंटआउट पर्याप्त नहीं होगा अगर आपके पास पहचान पत्र नहीं है। ऐसे मामलों में TTE आपका टिकट अमान्य मान सकता है और आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।

समूह में यात्रा करने पर नियम

अगर आपने एक ही टिकट पर समूह के लिए बुकिंग की है, तो केवल एक यात्री का आईडी प्रूफ सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। प्रत्येक यात्री को अपना अलग आईडी प्रूफ रखना होगा। हालांकि बच्चों (12 साल से कम) के मामले में उनके माता-पिता का आईडी प्रूफ मान्य हो सकता है।

आईडी प्रूफ भूल जाने पर क्या करें?

कई बार यात्री जल्दबाजी में आईडी प्रूफ घर पर ही भूल जाते हैं। ऐसे में नियम के अनुसार आपको बिना टिकट यात्री माना जा सकता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में रेलवे यात्रियों को रियायत भी देता है, लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि यात्रा से पहले एक बार चेक कर लें कि आपका आईडी प्रूफ आपके पास है।

डिजिटल पहचान और इंडियन रेलवे

डिजिटल इंडिया पहल के तहत अब रेलवे m-Aadhaar, DigiLocker और UMANG ऐप से जारी डिजिटल डॉक्यूमेंट को भी स्वीकार करता है। यानी आपको हर समय फिजिकल आईडी ले जाने की जरूरत नहीं, बशर्ते आपके फोन में आधिकारिक एप्लिकेशन मौजूद हो और उसमें दस्तावेज़ वैध रूप से डाउनलोड किए गए हों।

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यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • हमेशा ओरिजिनल आईडी प्रूफ साथ रखें।
  • टिकट बुकिंग के दौरान इस्तेमाल किए गए आईडी और यात्रा के समय दिखाए जाने वाले आईडी में अंतर न हो।
  • डिजिटल डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करते समय सुनिश्चित करें कि फोन में पर्याप्त बैटरी हो।
  • बच्चों और बुजुर्गों की यात्रा में उनकी सुविधा के अनुसार पहले से तैयारी करें।

निष्कर्ष

इंडियन रेलवे आईडी प्रूफ नियम यात्री सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो आपकी यात्रा न केवल सुरक्षित बल्कि परेशानी-मुक्त भी होगी। इसलिए अगली बार ट्रेन से यात्रा करने से पहले अपना आईडी प्रूफ जरूर साथ रखें।

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